Jul 10, 2011

बधाइयाँ लक्ष्मणन जी।

                 कण्णूर जिले के सरकारी हायर सेकंडरी स्कूलकुञ्ञिमंगलम के हिंदी अध्यापक लक्ष्मणन जी के मन में नदी और साबुन कविता के संबंध में जो संदेह उठा वह कवि ज्ञानेन्द्रपति के नाम एक पत्र लिखने का निदान बन गया। कवि तो जिज्ञासु अध्यापक के शंका समाधान में अतीव तत्पर थे। उन्होंने तुरंत जवाब भेजा। वह पत्र केरल के हाई स्कूल हिंदी अध्यापकों की सहायता के लिए हम गर्व के साथ प्रस्तुत कर रहे हैं। लक्ष्मणन जी का प्रयास बिलकुल सराहनीय है। बधाइयाँ लक्ष्मणन जी।


                  

2 comments:

Hariprasad said...

It is a good attempt.We are proud of Sri.LAXMANAN Master.It will be a help for students and teachers.We expect many more attempts like this.................

Hariprasad said...
This comment has been removed by the author.
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